Self Defense Techniques for Women ( महिलाओ के लिए स्वयं बचाव के तरीके)

मैंने अपने सीमित ज्ञान से यहाँ पर कुछ यूटूब के वीडियो share किये है, आप इनसे सीखे और खुद से अपनी research भी करे, आपको ये याद रखना होगा की कुछ भी सीखने के लिए उसका अभ्यास बहोत जरूरी है,

तो लगातार अभ्यास जरूर करें, साथ ही साथ अपने भोजन पर भी ध्यान दे क्यूँकि बिना पोस्टिक आहार के मजबूत शरीर नही बन सकता।

रानी लक्ष्मीबाई की जीवन कविता

मैंने यहाँ पर शुभद्रा कुमारी चौहान जी द्वारा लिखित झांसी की रानी कविता भी साझा की है, मेरे ख्याल से ये हर स्त्री को पढ़नी चहिये, ….

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी,
लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,
नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,
बरछी ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।
वीर शिवाजी की गाथायें उसकी याद ज़बानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,
देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,
नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,
सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवार।
महाराष्टर-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,
ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में,
राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाई झाँसी में,
चित्रा ने अर्जुन को पाया, शिव से मिली भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजियाली छाई,
किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई,
तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई,
रानी विधवा हुई, हाय! विधि को भी नहीं दया आई।
निसंतान मरे राजाजी रानी शोक-समानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

बुझा दीप झाँसी का तब डलहौज़ी मन में हरषाया,
राज्य हड़प करने का उसने यह अच्छा अवसर पाया,
फ़ौरन फौजें भेज दुर्ग पर अपना झंडा फहराया,
लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज्य झाँसी आया।
अश्रुपूर्णा रानी ने देखा झाँसी हुई बिरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

अनुनय विनय नहीं सुनती है, विकट शासकों की माया,
व्यापारी बन दया चाहता था जब यह भारत आया,
डलहौज़ी ने पैर पसारे, अब तो पलट गई काया,
राजाओं नव्वाबों को भी उसने पैरों ठुकराया।
रानी दासी बनी, बनी यह दासी अब महरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

छिनी राजधानी दिल्ली की, लखनऊ छीना बातों-बात,
कैद पेशवा था बिठुर में, हुआ नागपुर का भी घात,
उदैपुर, तंजौर, सतारा, करनाटक की कौन बिसात?
जबकि सिंध, पंजाब ब्रह्म पर अभी हुआ था वज्र-निपात।
बंगाले, मद्रास आदि की भी तो वही कहानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

रानी रोयीं रिनवासों में, बेगम ग़म से थीं बेज़ार,
उनके गहने कपड़े बिकते थे कलकत्ते के बाज़ार,
सरे आम नीलाम छापते थे अंग्रेज़ों के अखबार,
‘नागपूर के ज़ेवर ले लो लखनऊ के लो नौलख हार’।
यों परदे की इज़्ज़त परदेशी के हाथ बिकानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

कुटियों में भी विषम वेदना, महलों में आहत अपमान,
वीर सैनिकों के मन में था अपने पुरखों का अभिमान,
नाना धुंधूपंत पेशवा जुटा रहा था सब सामान,
बहिन छबीली ने रण-चण्डी का कर दिया प्रकट आहवान।
हुआ यज्ञ प्रारम्भ उन्हें तो सोई ज्योति जगानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी,
यह स्वतंत्रता की चिनगारी अंतरतम से आई थी,
झाँसी चेती, दिल्ली चेती, लखनऊ लपटें छाई थी,
मेरठ, कानपूर, पटना ने भारी धूम मचाई थी,

जबलपूर, कोल्हापूर में भी कुछ हलचल उकसानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

इस स्वतंत्रता महायज्ञ में कई वीरवर आए काम,नाना धुंधूपंत, ताँतिया, चतुर अज़ीमुल्ला सरनाम,अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कुँवरसिंह सैनिक अभिराम,भारत के इतिहास गगन में अमर रहेंगे जिनके नाम।लेकिन आज जुर्म कहलाती उनकी जो कुरबानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

इनकी गाथा छोड़, चले हम झाँसी के मैदानों में,जहाँ खड़ी है लक्ष्मीबाई मर्द बनी मर्दानों में,लेफ्टिनेंट वाकर आ पहुँचा, आगे बड़ा जवानों में,रानी ने तलवार खींच ली, हुया द्वन्द्ध असमानों में।ज़ख्मी होकर वाकर भागा, उसे अजब हैरानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार,घोड़ा थक कर गिरा भूमि पर गया स्वर्ग तत्काल सिधार,यमुना तट पर अंग्रेज़ों ने फिर खाई रानी से हार,विजयी रानी आगे चल दी, किया ग्वालियर पर अधिकार।अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी रजधानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

विजय मिली, पर अंग्रेज़ों की फिर सेना घिर आई थी,अबके जनरल स्मिथ सम्मुख था, उसने मुहँ की खाई थी,काना और मंदरा सखियाँ रानी के संग आई थी,युद्ध श्रेत्र में उन दोनों ने भारी मार मचाई थी।पर पीछे ह्यूरोज़ आ गया, हाय! घिरी अब रानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार,किन्तु सामने नाला आया, था वह संकट विषम अपार,घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये अवार,रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार।घायल होकर गिरी सिंहनी उसे वीर गति पानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

रानी गई सिधार चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी,मिला तेज से तेज, तेज की वह सच्ची अधिकारी थी,अभी उम्र कुल तेइस की थी, मनुज नहीं अवतारी थी,हमको जीवित करने आयी बन स्वतंत्रता-नारी थी,दिखा गई पथ, सिखा गई हमको जो सीख सिखानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी,यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी,होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी,हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी।तेरा स्मारक तू ही होगी, तू खुद अमिट निशानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

By: सुभद्रा कुमारी चौहान

क्या आपको भी रहता है चिड़-चिड़ापन और Depression, इसकी वजह हो सकती है vitamin b12 की कमी

vitamin b12 ,depression

vitamin b12, जिसे कोबालामिन के नाम से भी जाना जाता है, एक आवश्यक पोषक तत्व है जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में भूमिका निभाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन, तंत्रिका तंत्र के कार्य और डीएनए संश्लेषण के लिए आवश्यक है।

Depression

विटामिन बी12 के स्रोत:

विटामिन बी12 मुख्य रूप से मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों जैसे पशु स्रोतों में पाया जाता है। शाकाहारियों और lactose intolerant लोगों को विटामिन बी12 की कमी का खतरा अधिक होता है। यदि आप शाकाहारी या lactose intolerant हैं, तो आपको विटामिन बी12 से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है।

विटामिन बी12 के लाभ:

  • लाल रक्त कोशिका उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो शरीर में ऑक्सीजन के परिवहन में मदद करता है।
  • तंत्रिका तंत्र के कार्य का समर्थन करता है।
  • डीएनए संश्लेषण में मदद करता है।
  • स्वस्थ बालों, त्वचा और नाखूनों को बनाए रखने में मदद करता है।
  • ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • मनोदशा को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण:

  • थकान
  • कमजोरी
  • सांस लेने में तकलीफ
  • पीलापन
  • झुनझुनी या सुन्नता
  • संतुलन की समस्या
  • भ्रम
  • Depression

यदि आपको vitamin b12 की कमी का संदेह है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे रक्त परीक्षण कर सकते हैं और विटामिन बी12 का स्तर माप सकते हैं। यदि आपके पास विटामिन बी12 की कमी है, तो आपका डॉक्टर आपको आहार परिवर्तन करने की सलाह दे सकता है।

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • एक स्वस्थ वयस्क को प्रतिदिन 2.6 माइक्रोग्राम विटामिन बी12 की आवश्यकता होती है।
  • विटामिन बी12 घुलनशील है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर में संग्रहीत नहीं होता है। इसलिए, आपको नियमित रूप से विटामिन बी12 का सेवन करना आवश्यक है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को vitamin b12 की अधिक आवश्यकता होती है।
  • दूध, दही और पनीर: डेयरी उत्पाद विटामिन बी12 के बेहतरीन स्रोत होते हैं। एक कप दूध में लगभग 1.1 माइक्रोग्राम विटामिन बी12 पाया जाता है, जो आपके दैनिक जरूरत का 30% को पूरा करता है। दही और पनीर भी विटामिन बी12 के उत्कृष्ट स्रोत हैं
  • सोया दूध और सोया उत्पाद: सोया दूध में vitamin b12 फोर्टिफाइड होता है, यानी कि इसमें प्राकृतिक रूप से मौजूद विटामिन बी12 के अलावा अतिरिक्त विटामिन बी12 भी होता है। एक कप फोर्टिफाइड सोया दूध में लगभग 3 माइक्रोग्राम vitamin b12 हो सकता है, जो आपके दैनिक आवश्यकताओं का 80% कवर कर सकता है। टेम्पे और टोफू जैसे सोया उत्पाद भी विटामिन बी12 के स्रोत के रूप में माने जा सकते हैं।

Hemoglobin badhane ke liye kya khaye

Hemoglobin badhane ke liye kya khaye

Hemoglobin badhane ke liye kya khaye: हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। यह ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के बाकी हिस्सों में ले जाने का काम करता है। हीमोग्लोबिन की कमी को एनीमिया कहा जाता है। एनीमिया के लक्षण थकान, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, और सिरदर्द आदि हो सकते हैं।

Hemoglobin बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • आहार में आयरन की मात्रा बढ़ाएं। आयरन Hemoglobin का एक आवश्यक घटक है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
    • लाल मांस
    • अंडे
    • मछली
    • हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, मेथी, और धनिया
    • दालें, जैसे मसूर, राजमा, और उड़द
    • मेवे, जैसे बादाम, अखरोट, और काजू
  • आहार में विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं। विटामिन सी आयरन के अवशोषण में मदद करता है। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
    • खट्टे फल, जैसे संतरा, नींबू, और मौसमी
    • ब्रोकोली
    • शिमला मिर्च
    • टमाटर
  • आहार में फोलेट की मात्रा बढ़ाएं। फोलेट भी हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करता है। फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
    • हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, मेथी, और धनिया
    • बीन्स
    • सेम
    • अनाज, जैसे ओट्स और ब्राउन राइस
  • नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पानी लाल रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • शराब और धूम्रपान से बचें। शराब और धूम्रपान हीमोग्लोबिन के स्तर को कम कर सकते हैं।

यदि आपका Hemoglobin स्तर बहुत कम है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको आयरन की गोलियां या अन्य दवाएं दे सकते हैं।

यहां कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों का उल्लेख किया गया है जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:

  • पालक: पालक आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। एक कप पालक में लगभग 3.6 मिलीग्राम आयरन होता है।
  • लाल मांस: लाल मांस भी आयरन का एक अच्छा स्रोत है। एक औंस लाल मांस में लगभग 2.7 मिलीग्राम आयरन होता है।
  • अंडे: अंडे विटामिन बी-12 का एक अच्छा स्रोत हैं, जो हीमोग्लोबिन के निर्माण में भी मदद करता है। एक अंडे में लगभग 0.6 मिलीग्राम विटामिन बी-12 होता है।
  • बादाम: बादाम विटामिन ई का एक अच्छा स्रोत हैं, जो लाल रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है। एक औंस बादाम में लगभग 7.3 मिलीग्राम विटामिन ई होता है।

इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करके, आप अपने हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने और एनीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

Hemoglobin badhane ke liye kya khaye

यहां आपको टॉप 10 खाद्य पदार्थों की सूची मिलेगी जो Hemoglobin को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:

  1. शाकाहारी आहार: पालक, सरसों, बाथुआ, और मेथी जैसे पत्तियों में हेम की अच्छी मात्रा होती है, जो हेमोग्लोबिन को बढ़ा सकता है।
  2. लाल मेवे: अंगूर, खुजाना, सेब, और आम को नियमित रूप से खाने से हेमोग्लोबिन बढ़ सकता है।
  3. दालें और लेजूम्स: मूंग, चना, अरहर, और मसूर जैसी दालें हेमोग्लोबिन की बढ़ावा करने में मदद कर सकती हैं।
  4. बीटरूट: चुकंदर में मौजूद आयरन, फॉलेट, और विटामिन सी हेमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।
  5. खजूर: खजूर में फॉलेट, आयरन, और विटामिन्स होते हैं जो हेमोग्लोबिन को बढ़ा सकते हैं।
  6. सीसाम सीड्स: ये मैगनीशियम, आयरन, और विटामिन बी6 के स्रोत के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो हेमोग्लोबिन को बढ़ा सकते हैं।
  7. शुत्कि खाद्य: शुत्कि मछली, कुकुर्मुत्ता, और मांस के अन्य स्रोतों से मिलने वाले प्रोटीन और आयरन के लिए अच्छे स्रोत हो सकते हैं।
  8. नारियल: नारियल में मौजूद आयरन और विटामिन सी हेमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।
  9. आमला: आमला विटामिन सी का अच्छा स्रोत है जो आयरन को अच्छे से अवशोषित कर सकता है।
  10. अनाज और पूर्ण अनाज: ब्राउन राइस, ओट्समील, बाजरा, और जोवार जैसे अनाज हेमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

यदि आपको किसी भी चिकित्सा समस्या का सामना कर रहे हैं, तो एक चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है।

conclusion-

इस अंश में, हमने देखा कि “Hemoglobin badhane ke liye kya khaye“आहार में सही पौष्टिक तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उपरोक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करके हम अपने शरीर को आवश्यक आयरन, विटामिन्स, और अन्य पोषण सामग्री प्रदान कर सकते हैं, जिससे हेमोग्लोबिन स्तर बना रहेगा। इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित व्यायाम भी हेमोग्लोबिन को सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। हमें यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना भी उचित है, ताकि सही तरीके से और सुरक्षित रूप से हेमोग्लोबिन स्तर को बनाए रखा जा सके।

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Dal Badlu Politics: संविधान के अनुसार दल बदलने के क्या है नियम ?

Dal badlu politics

चुनाव में हम जिस नेता को वोट देते हैं और वह जिस पार्टी का समर्थन कर रहा होता है Dal Badlu Politics के कारण चुनाव जीतने के बाद वह दूसरी पार्टी में शामिल हो जाता है जिससे वह चुनाव जीतने से पहले गालियां दे रहा था तब सभी नेता और Party दूध के धुले हो जाते हैं

ऐसे में हमारे मन में एक सवाल जरूर खड़ा होता है कि कैसे यह Dal Badlu Politics हो सकती है संविधान में इसका क्या नियम है जबकि यदि कोई एक नेता चाहे वह विधायक हो या सांसद हो जब वह अपनी पार्टी को छोड़ता है और दूसरी पार्टी में शामिल होता है तो उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है

संविधान के अनुसार दल बदलने के क्या है नियम

भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) शामिल है। इस कानून के तहत, कोई भी निर्वाचित सदस्य, चाहे वह सांसद हो या विधायक, अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हो सकता है। यदि कोई सदस्य ऐसा करता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है।

दल-बदल विरोधी कानून के तहत दल-बदल की परिभाषा निम्नलिखित है:

  • कोई सदस्य अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है।
  • कोई सदस्य पार्टी के व्हिप का पालन नहीं करता है।
  • कोई सदस्य पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करता है।

दल-बदल विरोधी कानून के तहत दल-बदल की जांच करने का अधिकार सदन के अध्यक्ष को होता है। अध्यक्ष दल-बदल के आरोप की जांच के लिए एक समिति गठित कर सकता है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर अध्यक्ष दल-बदल के आरोप को सही पाता है, तो वह सदस्य की सदस्यता समाप्त कर सकता है।

दल-बदल विरोधी कानून के कुछ अपवाद भी हैं। इन अपवादों में शामिल हैं:

  • यदि किसी पार्टी के दो-तिहाई सदस्य एक साथ पार्टी छोड़ देते हैं, तो उन पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है।
  • यदि किसी सदस्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाता है, तो उस पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है।
  • यदि किसी सदस्य की पार्टी को विघटित कर दिया जाता है, तो उस पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है।

दल-बदल विरोधी कानून का उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता को बनाए रखना है। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि निर्वाचित सदस्य अपनी पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों का पालन करें। यह कानून यह भी सुनिश्चित करता है कि सरकारें अस्थिर न हों।

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