Ram Mandir Ayodhya : 22 January को ही क्यों हो रहा है राम मंदिर का उद्घाटन ?

समस्त भारत के लिए बहुत ही खुशी की बात है क्योंकि वर्षो के इंतजार के बाद आखिरकार वह समय आ ही गया जब भगवान राम का भव्य Ram Mandir Ayodhya में बनकर तैयार हो गया है और अब समय है भगवान राम की छवि की प्राण प्रतिष्ठा का इसके लिए 22 जनवरी का दिन ही चुना गया है पर क्या आपने सोचा है कि इस दिन पर क्या खास है आखिर22 January को ही क्यों हो रहा है राम मंदिर का उद्घाटन ?

उत्तर प्रदेश के साथ-साथ समस्त देशवासियों के घरों में भी एक बार फिर से दीपावली के तौर पर 22 जनवरी 2024 का दिन मनाया जाने वाला है जब भगवान Ram अपने भव्य Ram Mandir में बैठकर समस्त जगत को आशीर्वाद प्रदान करेंगे लेकिन हमारे मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर इस शुभ काम के लिए 22 जनवरी ही क्यों चुना गया आखिर क्या है इसके पीछे का कारण लिए जानते हैं

22 January को ही क्यों हो रहा है राम मंदिर का उद्घाटन ?

22 जनवरी 2024 को Ram Mandir Ayodhya के भव्य मंदिर में रामलाल की मूर्ति स्थापित करने का जो शुभ समय है वह 84 सेकंड बताया जा रहा है, समय सुबह 12:29 से 12:30 तक है, रामलाल की स्थापना के बाद महापूजा और महाआरती होगी |

हिंदू कैलेंडर के अनुसार 22 जनवरी 2024 को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है एवं नक्षत्र मृगशिरा व योग ब्रह्मा सुबह 8:45 तक है इसके बाद इंद्र योग लगेगा ज्योतिषों का ऐसा मानना है कि 22 जनवरी को कर्म द्वादशी है इस तिथि को भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है ज्योतिष ऐसा मानते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था और समुद्र मंथन में सहायता की थी भगवान राम जो कि भगवान विष्णु के 7वे अवतार माने जाते हैं और इसीलिए 22 जनवरी का कर्म द्वादशी की तिथि का मुहूर्त चुना गया है |

इसके साथ ही 22 जनवरी के दिन तीन अन्य शुभ योग भी बना रहे हैं जिसमें अमृत सिद्धि योग, रवि योग अभिजीत मुहूर्त और सर्वार्थ सिद्धि योग है यह दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन मुहूर्त और योग दिवसों में भगवान राम का जन्म हुआ था इसलिए अयोध्या में Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन चुना गया है |

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Ram Mandir Ayodhya : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “चारो शंकराचार्य राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह सनातन धर्म के नियमों का उल्लंघन है।

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